Dosti Shayari

महफ़िल मैं कुछ तो सुनाना पडता है,
ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है,
कभी उनके हम भी थे दोस्त,
आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है..❤️❤️

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